मुरादाबाद महानगर का मास्टर प्लान पास, अत्याधुनिक रेजिडेंशियल टाउनशिप भी होगा

मुरादाबाद। विगत लंबे समय से चल रहे गतिरोध का पटाक्षेप करते हुए आख़िरकार मुरादाबाद शहर का मास्टर प्लान प्राधिकरण बोर्ड द्वारा ध्वनिमत से पास हुआ। बुधवार को कमिश्नरी सभागार में आयोजित मुरादाबाद विकास प्राधिकरण की 131वीं बोर्ड बैठक में ड्राफ्ट मास्टर प्लान पर मुहर लगायी गई। बैठक में उपस्थित बोर्ड सदस्यों द्वारा कई विषयों पर गहन चर्चा करने के उपरांत लगभग चार घंटे चली बैठक में मास्टर प्लान पर अपनी सहमति दी। बैठक की अध्यक्षता आयुक्त मुरादाबाद मंडल आंजनेय कुमार सिंह ने की। इस दौरान ज़िलाधिकारी शैलेंद्र कुमार सिंह, उपाध्यक्ष विकास प्राधिकरण शैलेष कुमार, प्रभारी नगर आयुक्त अतुल कुमार सहित बोर्ड मेम्बर राजू कालरा व विकास जैन आदि भी मौजूद रहे। बैठक का संचालन सचिव विकास प्राधिकरण राजीव पांडेय द्वारा किया गया। बोर्ड के इस अनुमोदन के उपरांत मास्टर प्लान को शासन को प्रेषित किया जाएगा जिस पर शीघ्र अनुमति मिलने के आसार हैं। इसके बाद 2031 की महायोजना शहर में लागू हो जाएगी।

उल्लेखनीय है कि महायोजना तैयार करने की कार्रवाई विगत लगभग 3 वर्षों से चल रही थी। बीच में कोरोना काल के कारण कार्य बाधित रहा। परंतु इसी वर्ष के प्रारंभ में 03 जनवरी को बोर्ड की मंज़ूरी मिलने के बाद आपत्ति/ सुझाव माँगे जाने से गतिविधियों ने तेज़ी पकड़ी। पूर्व में माह मार्च से मई तक आपत्तियाँ माँगी गई थीं जिसमें कुल 285 आपत्तियाँ आयी थीं। नये उपाध्यक्ष के चार्ज लेने पर पुनः आपत्तियाँ आमंत्रित कर सुनवाई की गई। कुल प्राप्त 410 आपत्तियों पर सुनवाई 01 नवंबर से 05 नवंबर की गई तथा उपाध्यक्ष विकास प्राधिकरण की अध्यक्षता वाली आपत्ति सुनवाई समिति द्वारा आपत्तियों के निस्तारण करने के साथ ही महायोजना पर निर्णय होने का मार्ग प्रशस्त हो गया।

पास हुई महायोजना में उद्यमियों की माँग पर विशेष आर्थिक क्षेत्र तक 36 मीटर चौड़े महायोजना मार्ग तथा उसके दोनों ओर 500 मीटर चौड़े औद्योगिक क्षेत्र साथ ही SEZ के निकट लगभग 200 एकड़ के शिल्पग्राम की व्यवस्था दी गई है। वहीं दिल्ली रोड व काँठ रोड पर व्यावसायिक आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुये बाज़ार स्ट्रीट तथा उपनगर केंद्रों का प्रावधान भी किया गया है। उपाध्यक्ष मुरादाबाद विकास प्राधिकरण द्वारा अवगत कराया गया कि भविष्य में संभावित मेडिकल कॉलेज, विश्वविद्यालय, अस्पताल, स्टेडियम, बस व ट्रक टर्मिनल के लिये भी पर्याप्त व्यवस्था महायोजना में की गयी है।

रामगंगा व ग़ांगन नदी के किनारे सुनियोजित विकास करने तथा रिवरफ़्रंट विकास के दृष्टिकोण से भी जगह आरक्षित की गई है।
आयुक्त मुरादाबाद द्वारा प्राधिकरण को अधिकाधिक मास्टर प्लान रोडों के निर्माण हेतु कार्य योजना बनाने हेतु निर्देशित किया गया। बोर्ड सदस्य राजू कालरा द्वारा शहर में 2031 की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए आवासीय सुविधा उपलब्ध कराने का सुझाव दिया गया, जबकि अन्य सदस्य विकास जैन द्वारा दिल्ली रोड पर आवश्यकता को देखते हुए व्यावसायिक गतिविधियों को बढ़ावा देने का सुझाव दिया। मास्टर प्लान में मछली मंडी और कैटल कॉलोनी को शहर के बाहर स्थापित करने की व्यवस्था भी बनायी गई है तथा प्रस्तावित रिंग रोड को भी स्थान दिया गया है।

इसके अतिरिक्त बोर्ड की बैठक में एमआईटी परिसर में मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के बहुचर्चित भवन के निर्माण की भी अनुमति दी गयी जिससे गरीब तबके के छात्रों को निःशुल्क कोचिंग के साथ आवासीय सुविधा भी प्राप्त हो सकेगी। प्राधिकरण द्वारा सोनकपुर योजना में 800 सीटर ऑडिटोरियम सह कन्वेंशन सेंटर की स्थापना की परियोजना की स्वीकृति भी प्राप्त की गयी। उल्लेखनीय है कि सोनकपुर रेलवे ब्रिज बनकर लगभग तैयार है, जिसकी कनेक्टिंग रोड का कार्य प्राधिकरण द्वारा कराया जा रहा है। कन्वेंशन सेंटर के आने से प्राधिकरण की सोनकपुर योजना के भी लॉंच किए जाने का रास्ता खुल गया है। साथ ही दिल्ली रोड से सीधी कनेक्टिविटी इसे शहर की सबसे पॉश लोकलिटी के रूप में स्थापित करेगी।

 

प्राधिकरण बोर्ड द्वारा चड्ढा इंफ्राटेक की इंटीग्रेटेड टाउनशिप परियोजना के डीपीआर पर भी विचार करने की अनुमति दी जिससे भविष्य में शहर को एक अत्याधुनिक रेजिडेंशियल टाउनशिप मिलने की उम्मीद जगी है।

अंत में प्राधिकरण उपाध्यक्ष द्वारा उपस्थित अधिकारियों तथा सदस्यों को धन्यवाद देते हुए बोर्ड की बैठक समाप्त की गई।