परम्परागत खेती से हटकर किसान उगा रहे स्ट्राबेरी

वैसे तो स्ट्राबेरी की खेती आमतौर पर ठंडे प्रदेशों में होती है, परंतु नवीन तकनीक के माध्यम से गर्म मैदानी इलाकों में भी इसकी खेती की जाने लगी है। उद्यान विभाग के सहयोग से विकास खण्ड अतरौली के गॉव शेरपुर के किसान शिव कुमार, विपिन कुमार एवं जगदीश प्रसाद ने अपने-अपने खेतों में स्ट्राबेरी की खेती की है। उन्हें इसके अच्छे उत्पादन की भी उम्मीद है। सभी किसान अपने-अपने खेतों में उद्यान विभाग द्वारा समझाई गयी नवीन विधि एवं तकनीक से स्ट्राबेरी की खेती कर रहे हैं। शिव कुमार एवं विपिन कुमार ने 0.60 हैक्टेयर एवं जगदीश प्रसाद ने 0.52 हैक्टेयर में रेडकोट प्रजाति की स्ट्राबेरी लगाई है।

किसानों ने बताया कि लगभग एक हैक्टेयर में 22 हजार पौधों का रोपण किया गया है, जिनमें अब फल आना आरम्भ हो गये हैं। कुछ ही दिनों में उनके खेतों से अच्छी प्रकार से स्ट्राबेरी का उत्पादन होना शुरू हो जायेगा।किसानों ने हर्ष के साथ बताया है कि एक एकड में 5.50 लाख रूपये की लगात आई है। उनका कहना है कि यह अभी शुरूआत है। आने वाले समय में बडे स्तर पर इसके उत्पादन पर ध्यान देंगे।