मोस्ट ने रतनपुर के 152 घरों को न्याय दिलाने के लिए डीएम को दिया ज्ञापन
सुलतानपुर। आज मोस्ट कल्याण संस्थान उ.प्र. के तत्वाधान में ग्राम सभा-रतनपुर के वंचितों को न्याय दिलाने के सबन्ध में जिलाधिकारी को ज्ञापन दिया गया।
उल्लेखनीय है कि ग्राम सभा रतनपुर (के.एन.आई.) के निषाद समुदाय के पीड़ितों के अनुसार 1955 ई. में गोमती नदी में आई प्रलयकारी बाढ़ के कारण अपना ठिकाना बाढ़ से अप्रभावित क्षेत्र में बनाया और 1955 ई. से उक्त क्षेत्र में बसाव और रहन-सहन के बाद भी आज तक 152 परिवारों को आवास का मालिकाना हक न मिलने के कारण आज भी शासन द्वारा चलाई जा रही लोककल्याणकारी योजनाओं जैसे-बिजली, पानी, सड़क, शौचालय, कालोनी आदि की मूलभूत सुविधाओं से वंचित होने के साथ ही साथ पुलिस-प्रशासन के शोषण का शिकार होते आ रहे हैं।
मोस्ट निदेशक शिक्षक श्यामलाल निषाद “गुरुजी” ने बताया कि उक्त परिवारों को आने-जाने के लिए सड़क नही, कल्याणकारी योजनाओं में भागीदारी नही, यह उनका सामाजिक-आर्थिक शोषण है जो कि संविधान में दिए गए मूल अधिकारों व नेचुरल जस्टिस का घोर उल्लंघन है।
श्री निषाद ने यह भी कहा कि शासन-प्रशासन का कोई निर्णय जिससे सामाजिक आर्थिक रूप से पिछड़ों को न्याय न मिल सके तो उस नियम/निर्णय में संशोधन करना न्यायपूर्ण होगा। जैसा कि मा. सुप्रीम कोर्ट ने भी अनेक निर्णयों में अभिनिर्धारित किया है कि एक्ट का उद्देश्य संविधान के मंशा के अनुरूप लोकाभिमुख व लोक कल्याणकारी होना चाहिए। शासन के मंशा के अनुरूप विधानमंडल/संसद द्वारा नियम-कानून के निर्माण के साथ-साथ लोकहित में उसमें संशोधन का कार्य भी किया जाता है। यह अलग प्रश्न है कि 67 वर्षों से इन्ही लोगों के वोट से बनते आ रहे विधायक-सांसद ने आज तक सदन में उक्त समस्या को उठाया तक नहीं! मौजदा विधायक व सांसद से आग्रह है वंचितों को न्याय दिलाने की इच्छाशक्ति दिखाएं।
ज्ञापन में जिला जिलाधिकारी से उक्त समस्या का समाधान करने की मांग की गयी है और कहा गया है कि समस्या का समाधान न होने पर वंचितों को न्याय दिलाने के लिए मोस्ट कल्याण संस्थान व्यापक स्तर पर धरना-प्रदर्शन करने के लिए बाध्य होगा। ज्ञापन देने वालों में मोस्ट सचिव रविकांत निषाद, प्रधान मोलनापुर शिवकुमार निषाद, पूर्व प्रधान शिवबक्श निषाद, रविन्द्र निषाद, अंशू निषाद सहित कई लोग मौजूद रहे।