Monday, December 2, 2024
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स्वास्थ्य विभाग की अनदेखी अस्पताल में ही नही है बिजली

उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जनपद के कांठ रोड पर् बसी नगर पंचायत आगवानपुर कहने को तो हिंदुस्तान की ऐतिहासिक नगरी कहलाती है, अगवानपुर की अगर हम बात करे तो मुगलों से भी पहले कौरव और पांडवों का जिक्र भी अगवानपुर बस्ती में जुड़ा है । मौजूदा वक्त में ग्राम पंचायत से नगर पंचायत का दर्जा पा चुकी नगर पंचायत अगवानपुर धीरे धीरे विकसित होता जा रही है । लेकिन इस नगर पंचायत अगवानपुर में मिलने बाली स्वास्थ्य सेवाओं की अगर हम बात करें तो इस नगर पंचायत आगवानपुर में मात्र एक ही सरकारी अस्पताल है, । ओर हैरत की बात ये है कि इस सरकारी हॉस्पिटल में लाइट ही नही है । अगवानपुर के स्वास्थ्य केंद्र में विभाग द्वारा बिजली का कनेक्सन नहीं किया गया है। भयानक गर्मी में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ओर कर्मचारी गर्मी मे बिना बिजली के ही अपनी ड्यूटी को अंजाम दे रहे हैं मरीजों को देख रहे हैं, कोरोना वेक्सीन के टीके लगा रहे हैं । ओपीडी कर रहे हैं, अगवानपुर के स्वास्थ्य केंद्र पर मौजूद रहे प्रभारी डॉक्टर डॉ शाहबुद्दीन साहब द्वारा बताया गया कि उनके द्वारा 4 साल के अंदर लगभग दर्जनों से अधिक शिकायतें विभाग और संबंधित विभागों की जा चुकी है। लेकिन विभाग इस और कब ध्यान देगा कोई नहीं जानता । गर्मी की शिद्दत से बचने के लिए बस एक प्रकृति का ही सहारा है, अस्पताल में पेड़ लगे हैं ,और उनकी छाया में ही डॉक्टर मरीजों का इलाज कर रहे हैं ।अस्पताल बनाते समय ठेकेदार द्वारा बिजली की फिटिंग की गई, पंखे भी लगाए गए ,टंकी भी लगाई गई । समर सेविल भी किया गया, लेकिन अगर कुछ नहीं किया गया तो वह था बिजली का करेक्शन 4 साल का अरसा बीत जाने के बाद भी इस अस्पताल में अभी तक वल्व भी नहीं जला है । समय का चक्र कहिए ,या फिर अधिकारियों का अनदेखा पन जो इस अस्पताल में लाइट का इंतजाम ना होने के चलते पूरा स्टाफ गर्मी की मार से त्रस्त नजर आ रहा है । अस्पताल में आने वाले मरीज बेहाल रहते हैं । तो वही जो अस्पताल में ड्यूटी कर रहे हैं उनका भी बुरा हाल है । हमारे संवाददाता ने जब हॉस्पिटल के प्रभारी डॉ शहाबुद्दीन से बात की तो उन्होंने बताया कि वह शिकायत करते करते थक चुके हैं । जिलाधिकारी महोदय से लेकर मुख्य चिकित्सा अधिकारी ,चीफ इंजीनियर विधुत विभाग, लाइनमैन सभी से गुजारिश की जा चुकी है, लेकिन फरियाद कब सुनी जाएगी कोई नहीं जानता । अब तो इस समस्या के आगे आत्मसमर्पण कर दिया गया है, अब ईश्वर जिस हाल में रखेगा उस हाल में ही रहेंगे, क्योंकि विभाग सुनता नहीं, अधिकारी देखते नहीं, कहे भी तो किस से कहें । कोई शिकायत सुनने वाला ही नहीं । 4 साल में जब शिकायत नहीं सुनी गई अब तो सिर्फ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की ओर ही नजरे गड़ी हैं ,कि कब वह यहां पहुंचे और कब हमारी समस्या का समाधान करें ।