उत्तर प्रदेश में अब ड्रोन के लिए “नो परमिशन, नो टेक ऑफ” की व्यवस्था लागू

 

 

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में अब फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी के शौकीन लोग ड्रोन को अपनी मर्जी से नहीं उड़ा सकेंगे. सरकार ड्रोन उड़ाने के लिए पॉलिसी ला रही है. अयोध्या में कैबिनेट की बैठक में इसको मंजूरी मिल गई है. आने वाले दिनों में विधानसभा सत्र में इसको पेश भी किया जाएगा. कैबिनेट की बैठक में उत्तर प्रदेश ड्रोन प्रचालन सुरक्षा नीति 202 को मंजूरी दे दी गई है. इस नीति के आ जाने के बाद उत्तर प्रदेश में अब ड्रोन के लिए “नो परमिशन, नो टेक ऑफ” की व्यवस्था लागू हो जाएगी.

 

ड्रोन उड़ाने के लिए कराना होगा रजिस्ट्रेशन

फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी के शौकीन लोग ड्रोन को आजकल मनमाना तरीके से इस्तेमाल कर रहे हैं. वहीं कुछ जगहों पर सुरक्षा कारणों से भी इसको उड़ाने की अनुमति नहीं दी जा सकती है. इसी कारण ड्रोन के बढ़ते उपयोग और ड्रोन के संचालन में आ रही समस्याओं को देखते हुए ये नीति लाई जा रही है. नीति के तहत अब सभी ड्रोन का पोर्टल पर पंजीकरण कर उसका यूआईडी नंबर प्राप्त करना जरूरी हो जाएगा. इसके साथ ही ड्रोन की गतिविधियों पर थाना स्तर पर भी निगरानी की जाएगी.

 

नियम तोड़ने पर लगेगा जुर्माना

ड्रोन की पॉलिसी बन जाने के बाद ड्रोन संचालन के लिए हवाई क्षेत्र तीन भाग में बांटे जाएंगे. लाल, पीले और हरे क्षेत्र निर्धारित किए जाएंगे. इन तीनों क्षेत्रों में नियमों के अनुसार ही ड्रोन को उड़ाया जा सकेगा. नियमों का उल्लंघन करने पर ड्रोन को उड़ाने वाले पर जुर्माना भी वसूला जाएगा. इसके साथ ही पुलिसकर्मियों, राज्य कर्मियों को ड्रोन की तकनीक, ड्रोन के संचालन और ड्रोन संबंधी कानूनी नियमों और शर्तों का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा.

 

कुछ लोगों को इसमें छूट भी दी जाएगी. इनमें राज्य सरकार के अंतर्गत या मान्यता प्राप्त अनुसंधान एवं विकास संस्थान, शैक्षणिक संस्थान, प्राधिकृत प्रशिक्षण संस्था और जीएसटी नंबर प्राप्त वायुयान निर्माता, शैक्षणिक संस्थान, उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग से मान्यता प्राप्त स्टार्टअप को इसमें छूट दी जाएगी. वीआईपी और वीवीआईपी लोगों के द्वारा जनसभाओं, त्योहारों, धार्मिक सम्मेलनों में और कानून व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न होने पर अस्थाई रेड जोन भी घोषित किया जाएगा.