कोविड: उच्चस्तरीय टीम-9 को मुख्यमंत्री जी के दिशा-निर्देश
उत्तर प्रदेश में अब तक कोविड टीके की 31 करोड़ 85 लाख डोज लगाई जा चुकी है। जबकि 11 करोड़ 23 लाख से अधिक कोविड टेस्ट भी किए जा चुके हैं। 18+ आयु की पूरी आबादी को टीके की कम से कम एक डोज लग चुकी है, जबकि 89.86% वयस्क लोगों को दोनों खुराक मिल चुकी है। 15 से 17 आयु वर्ग में 95.85% से अधिक किशोरों को पहली खुराक मिल चुकी है और 69.80% से किशोरों को दोनों डोज लग चुकी है। 12 से 14 आयु वर्ग में 70% से अधिक बच्चे टीकाकवर पा चुके हैं, इन्हें दूसरे डोज लगाया जाना भी शुरू हो चुका है। यह स्थिति संतोषजनक है। बच्चों के टीकाकरण और वयस्कों के बूस्टर डोज लगाए जाने को और तेज किए जाने की जरूरत है।
ट्रैक, टेस्ट, ट्रीट और टीकाकरण की नीति के सफल क्रियान्वयन से उत्तर प्रदेश में कोविड पर प्रभावी नियंत्रण बना हुआ है। वर्तमान में प्रदेश में कुल 1432 एक्टिव केस हैं। इसमें 1374 लोग घर पर ही स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर रहे हैं।इनके स्वास्थ्य पर सतत नजर रखी जाए।
बीते 07 मई को प्रदेश में 2000 से अधिक एक्टिव केस थे, सब फिर नए केस की संख्या में कमी देखी जा रही है। कल की पॉजिटिविटी 0.03% रही। स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन सतर्कता जरूरी है।
पिछले 24 घंटे में पूरे प्रदेश में 179 नए केस की पुष्टि हुई, जिसमें, गौतमबुद्ध नगर में 56, गाजियाबाद में 37, लखनऊ में 21 नए केस शामिल हैं। इसी अवधि 231 लोग स्वस्थ भी हुए। जिन जिलों में केस अधिक मिल रहे हैं वहां सार्वजनिक स्थानों पर फेस मास्क लगाया जाना अनिवार्य है। इसे लागू कराएं। लोगों को जागरूक करें। टेस्ट की संख्या बढ़ाये जाने की जरूरत है।
नर्सिंग/पैरामेडिकल के क्षेत्र में अच्छा कॅरियर है। एएनएम/जीएनएम के बेहतर प्रशिक्षण के लिए अवस्थापना सुविधाओं के विकास की जरूरत है। ऐसे में पिछले तीन दशकों से बंद पड़े राज्य सरकार के प्रशिक्षण संस्थानों के पुनर्संचालन की कार्ययोजना तैयार की जाए। प्रारंभिक रूप से 09 जीएनएम ट्रेनिंग स्कूल और 34 एएनएम प्रशिक्षण केंद्रों का संचालन करने की तैयारी करें। हर संस्थान में मानकों का कड़ाई से अनुपालन कराया जाए। फैकल्टी पर्याप्त हो, अच्छी हो। मेडिकल कॉलेज/जिला अस्पताल में भी इनके प्रशिक्षण की व्यवस्था होनी चाहिए।
प्रधानमंत्री जी के आह्वान पर आज उत्तर प्रदेश खुले में शौच से मुक्त हो चुका है। स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत विगत 05 वर्ष में सामुदायिक शौचालय बनवाये गए हैं। इनके रखरखाव के लिए सरकार मासिक धनराशि भी देती है। यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी सामुदायिक शौचालयों में स्वच्छ्ता रहे। शौचालयों में अनावश्यक तालाबंदी न रहे।
सड़क सुरक्षा के व्यापक महत्व को देखते हुए पुलिस, यातायात, बेसिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, प्राविधिक शिक्षा, परिवहन, नगर विकास आदि संबंधित विभागों के परस्पर समन्वय के साथ जागरूकता अभियान की कार्ययोजना तैयार की जाए। स्कूली बसों के फिटनेस, यातायात नियमों के पालन आदि के विषय में जन सहभागिता के साथ वृहद अभियान शुरू करने की तैयारी करें।
ऐसे समय में जबकि लोग पर्यटन के लिए हिल स्टेशनों की ओर जाने की तैयारी करते हैं, उत्तर प्रदेश सरकार जनता के द्वार पर है। राज्य के सभी मंत्रीगण गांवों/जिलों में दौरे कर रहे हैं। जन चौपाल में जनता से भेंट कर रहे हैं। विकास परियोजनाओं/व्यवस्थाओं की पड़ताल कर रहे हैं। यह क्रम सतत जारी रहना चाहिए। मंडलीय भ्रमण से लौटे मंत्री समूहों की रिपोर्ट सभी विभागों को दी जाएगी। इन पर पर यथोचित कार्यवाही की जाए।
आपातकालीन सेवा 108/102 के संचालन की व्यवस्था को और बेहतर करने की जरूरत है। इसके लिए मंडलों का क्लस्टर तैयार किया जा सकता है। सभी बिंदुओं पर विचार कर अच्छी कार्ययोजना प्रस्तुत की जाए।