HC का आदेश- बाल अपराध मामलों की त्वरित सुनवाई के लिए तंत्र किया जाए विकसित
प्रयागराज। बच्चों के खिलाफ होने वाले बाल यौन अपराध संरक्षण कानून के तहत कोर्ट में तुरंत जानकारी न दिए जाने से इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नाराजगी जाहिर की है। इतना ही नहीं कोर्ट ने त्वरित जानकारी उपलब्ध कराने के लिए यूपी की बाल कल्याण समितियों को दो हफ्तों में बैठक कर निर्णय लेने का आदेश दिया है।
साथ ही कोर्ट ने पारित आदेश की प्रति महानिबंधक को भेजने के लिए भी निर्देश जारी किया है। जस्टिस अजय भनोट ने शकीला उर्फ सरिता उर्फ सकूना की याचिका पर ये आदेश दिया. इस मामले में अगली सुनवाई अब 18 मई को होगी।
इस मामले में कोर्ट में सुनवाई करते हुए कहा है कि बाल यौन अपराधों के मामले में दाखिल केस पर स्पीड पोस्ट और साधारण डाक से जानकारी भेजने पर काफी समय लगता है, जिस कारण न्यायिक प्रक्रिया में देरी होती है इसलिए कुछ ऐसी व्यवस्था की जाए ताकि जल्द से जल्द कोर्ट को जानकारी उपलब्ध हो और केस जल्द तय हो सके।