Moradabad: सिपाही ने दी इंसानियत की मिसाल, अर्थी को कंधे की पड़ी जरूरत तो आया आगे

मुरादाबाद: बीते एक महीने से अधिक समय कोरोना महामारी की दूसरी लहर पूरे देश में कहर बरपा रही है। अस्पतालों के बाहर से लेकर श्मशानों में लाइन खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। आलम ये है कि कई जगह अपनों के होते हुए भी मृतकों को कंधा तक नहीं मिल रहा। जिससे इंसानियत शर्मसार हो रही है। लेकिन इसके उलट कई तस्वीरें अभी भी इंसानियत जिन्दा होने के सुबूत देतीं हैं। जी हां कुछ ऐसी ही तस्वीर शहर के लालबाग श्मशान घाट में देखने को मिली, जब मृतक को कन्धा देने के लिए एक शख्स की कमी पड़ी तो एक पुलिस बेख़ौफ़ होकर अंतिम यात्रा में शामिल हो गया।

अस्पताल में तोड़ा दम

जानकारी के मुताबिक शहर के डिप्टीगंज के रहने वाले राकेश ट्रेलर का काम करता था। कुछ दिन पहले तबियत खराब होने की वजह से एक निजी अस्पताल में अपना इलाज करवा रहा था। लेकिन राकेश की अचानक हालात बिगड़ गयी, और डॉक्टर ने इलाज के लिए सरकारी अस्पताल ले जाने के लिए कहा। राकेश को जिला अस्पताल में भर्ती कर लिया गया लेकिन इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गयी। राकेश के दो बेटे और एक भाई है। उसका कोरोना सैम्पल भी लिया गया जिसकी अभी तक रिपोर्ट नहीं आई और उससे पहले ही दम तोड़ दिया।

भीड़ रही तमाशबीन

परिजन उसे अंतिम संस्कार के लिए लालबाग श्मशान घाट ले गए। वहां अर्थी तैयार होने के बाद उसके दो बेटे और उसका एक भाई था। लेकिन अर्थी को चार लोगों की जरूरत होती है। कई लोग तमाशबीन की तरह खड़े थे लेकिन कंधा देने कोई नहीं आ रहा था। इस बीच लालबाग चौकी इंचार्ज सिपाही अरुण सिंह के साथ मौके पर पहुंचे तो भीड़ देखते ही नाराज भी और बोले क्या इंसानियत बिलकुल ही मर गयी है। इसके बाद खुद सिपाही ने अर्थी को कंधा दिया। इसका फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो लोग अब सिपाही की इंसानियत की मिसाल दे रहे हैं।

जनपद में इतने मरीज

यहां बता दें कि जनपद में बीते 24 घंटों में 1122 कोरोना संक्रमित मरीज मिले हैं। जबकि 9 की इलाज के दौरान मौत हुई है और अब तक जनपद में कुल 7854 मरीजों का इलाज चल रहा है।