गिरराज जी का पूजन और भंडारे का आयोजन

बरेली। भगवान श्रीकृष्ण ने पहले इन्द्र की जगह गिरराज जी का पूजन करवाया और जब इन्द्र ने अपनी पूजा की जगह गिरराज जी पूजन होते देख महाप्रलयकारी बर्षा की उस बर्षा से ब्रजबासियों की रक्षा के लिए भगवान श्रीकृष्ण ने गिरराज धारण किया उस समय भगवान श्रीकृष्ण की आयु मात्र वर्ष की थी और सात कोस के गिरराज सात दिन धारण किए इसके बावजूद उस जगतपिता जगदीश्वर भगबान श्रीकृष्ण से जब माता यशोदा ने पूंछा कि लाला सात कोस गिरराज सात दिन धारण किए थक गया होगा उस समय भगबान कृष्ण ने बहुत सुंदर जबाव देते हुए संसार को एक अद्भुत शिक्षा दी है। क्या बोले—-‘कछु माखन को बल बडो कछु गोपन करी सहाय, श्रीराधे जू की कृपा तेज गिरबर लिओ उठाय।

माता यशोदा से उत्तर देते हुए भगवान श्रीकृष्ण ने कहा जो नित्यप्रति ताजा-ताजा माखन खिलाती हो मैया कुछ उस माखन का बल था मेरे अंदर और कुछ गोप’- गुवालो ने लाठी लगाकर हमारी सहायता कर दी थी और श्रीराधा जी की कृपा से गिरराज गोर्बधन उठाया था। सर्वसर्मथ बान होकर भी दूसरो का मान बढाने के लिए दूसरो श्रेय दे रहे है गिरराज उठाने बाले गिरधारी और आज जरा सा कार्य संसारिक ब्यक्ति कर लेता है तो संसार को जताने की कोशिश करता है कि यह कार्य हमने किया है। हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी श्री शिरडी साई सर्बदेब मंदिर श्यामगंज में गिरराज जी का पूजन किया गया भोग अर्पित कर भंडारे का आयोजन किया। पंडित सुशील कुमार पाठक ने यह जानकारी देते हुए बताया।