न्याय जनता की भाषा में होना चाहिए: प्रधानमंत्री मोदी
नई दिल्ली। मुख्यमंत्रियों और हाईकोर्ट के सीजे के सम्मेलन का पीएम नरेंद्र मोदी ने सम्मेलन का उद्घाटन किया।
दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित सम्मेलन में विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री और 25 हाईकोर्ट के CJ शामिल हुए। सम्मेलन में न्यायपालिका-सरकार में बेहतर समन्वय के साथ ही हाईकोर्ट में जजों के खाली पदों को लेकर चर्चा होगी।
इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा कि न्यायपालिका की भूमिका संविधान संरक्षक की हो और न्याय में देरी न हो इसके लिए प्रयास किए जाएं। प्रधानमंत्री ने कहा कि न्याय सभी के लिए सुलभ हो। कहा कि न्याय की देरी को कम करने का प्रयास जारी रहे। पीएम ने कहा कि हम न्यायपालिका में भी तकनीकी पर जोर दे रहे हैं।
अब तक बुनियादी सुविधाओं को बेहतर करने की कोशिश की है। कोर्ट में वैकेंसी को भरने की प्रक्रिया जारी है। इससे ऐसी व्यवस्था होगी कि न्याय त्वरित हो जाए। कहा कि न्याय जनता से जुड़ा होना चाहिए। इसके लिए एक संयुक्त रूप से प्रयास होना चाहिए। साथ ही प्रधानमंत्री ने कहा कि न्याय जनता की भाषा में होना चाहिए। इसलिए न्यायाधीशों को फैसलों को करने में स्थानीय भाषा पर जोर देना चाहिए और न्याय की भाषा लोगों को समझ आनी चाहिए। फिलहाल,सम्मेलन अभी जारी है।