Monday, October 7, 2024
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सेक्स वर्कर्स को आधार का अधिकार! SC ने UIDAI को दिए निर्देश, कहा- सेक्स वर्कर्स दें आधार लेकिन पहचान उजागर न हो

 

नई दिल्सुली। सुप्रीम कोर्ट ने यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा जारी एक प्रोफार्मा प्रमाण पत्र के आधार पर सेक्स वर्कर्स को आधार कार्ड जारी करने का निर्देश दिया. साथ ही कोर्ट ने कहा कि हर व्यक्ति के साथ सम्मान पूर्ण व्यवहार करना उसका मूलभूत अधिकार है.

 

जस्टिस एल नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि इस काम में सेक्स वर्कर्स की पहचान उजागर नहीं होनी चाहिए. कोर्ट ने कहा कि UIDAI द्वारा जारी एक प्रोफार्मा प्रमाण पत्र के आधार पर सेक्स वर्कर्स को आधार कार्ड जारी किए जाएंगे. यह नेशनल एड्स कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन के अधिकारी या स्टेट एड्स कंट्रोल सोसाइटी के प्रोजेक्ट डायरेक्टर की ओर से नामांकन फॉर्म के साथ सबमिट किया जाएगा.

 

पीठ ने कहा कि हर व्यक्ति को उसके काम के बावजूद गरिमा के साथ व्यवहार किए जाने का अधिकार है और इसे ध्यान में रखा जाना चाहिए. UIDAI ने पहले SC को सुझाव दिया था कि पहचान के प्रमाण पर जोर दिए बिना सेक्स वर्कर्स को आधार कार्ड जारी किया जा सकता है, बशर्ते कि वे NACO के गजिटेड ऑफिसर या संबंधित राज्य सरकारों के स्वास्थ्य विभाग के गजिटेड ऑफिसर द्वारा जारी प्रमाण पत्र प्रस्तुत करें.